काशीपुर। भारत रत्न बाबा साहब डॉ-भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन में जिस तरह से दलित, पिछड़े और वंचितों के लिए कार्य किया, उसी का स्वरूप आज एक विशाल वृक्ष के रूप में सामने है। उक्त विचार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं उत्तराखड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव जितेंद्र सरस्वती ने डॉ- अंबेडकर की 134बी की जयंती के अवसर पर व्यक्त किये। पीसीसी सचिव सरस्वती ने कहा कि डॉ- भीमराव अंबेडकर के प्रभाव की मिसाल तब दिखाई देती है, जब 1951 में अनुसूचित जातियों में साक्षरता दर मात्र 10-3 प्रतिशत थी, जो 2011 तक बढ़कर 66-01» हो गई, इससे साफ जाहिर है कि डॉ-अंबेडकर ने शिक्षा, साक्षरता जैसे विषय को जिस तरह से समाज के अंतिम व्यक्ति को जागरूक करने का कार्य किया, इतिहास में ऐसा उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। कांग्रेसी नेता सरस्वती ने कहा कि उन्होंने शिक्षा के आधार पर आर्थिक रूप से मजबूत करने का आवाहन किया। उन्होंने महिला शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि एक शिक्षित महिला दो परिवारों को जागरूक करने में मदद करती है। कांग्रेसी नेता सरस्वती ने आवाहन करते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ी को विशेष कर समाज के दलित, पिछड़े, वंचित, महिला और कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षा के माध्यम से समाज में जन जागृति पैदा करने का काम करना होगा, तभी हम सामंतवादी सोच को चुनौती दे सकते हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम में डॉ- अंबेडकर के अनुयायियों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि कर उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।


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