काशीपुर के रेलवे ओवर ब्रिज आरओबी मैं दरार पढ़ने से लोगों में हड़कंप, कार्यदाई संस्था मौन

काशीपुर। काशीपुर में सात सालों के इंतजार के बाद ओवर ब्रिज आरओबी बनकर तैयार हुआ था इस ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर विभिन्न संगठनों ने हीला हवाली से चल रहे कार्य को लेकर दर्जनों बार धरना प्रदर्शन किया और कार्य दाई संस्था को भी घेरा इसका विरोध पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा को भी झेलना पड़ा लेकिन आनंन-फानन में इस ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया गया कुछ समय तक तो यह ओवर ब्रिज ठीक-ठाक चल उसके बाद इस ओवर ब्रिज पर भारी वाहनों का गुजरना प्रतिबंधित हो गया। अब यहां पर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) फिर से सुखिर्यो में आ गया है। बीती रात्रि करीब 10-30 बजे एमपी चौक के पास ओवर ब्रिज के एक हिस्से से पत्थर के टुकड़े झड़ कर नीचे गिर गये। गनीमत यह रही कि उस समय उसकी चपेट में कोई नहीं आया वरना कोई दुर्घटना भी घट सकती थी। वहीं जिस एरिये से पत्थर के टुकड़े झड़े हैं उस एरिये के ऊपर सड़क का हिस्सा भी काफी धंस गया है। संभवतया इसी कारण नीचे से पत्थर झड़े हैं। वहीं एनएच व पीडब्लूडी अधिकारियों ने भी आरओबी के क्षतिग्रस्त होने का निरीक्षण किया। आज इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता संदीप सहगल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी भी मौके पर पहुंच गये और विधायक व पूर्व विधायक का घेराव करते हुए एमपी चोक पर धरने पर बैठ गये और भष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। वहीं विधायक चीमा ने कहा कि आज सांय इस मामले को लेकर एनएच व पीडब्लूडी अधिकारियों के साथ वार्ता होनी है अभी इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।

बतादें कि महाराणा प्रताप चौक के पास बीती रात्रि फ्रलाई ओवर के छज्जे का कुछ हिस्से के टुकड़े गिरने पर घटना होने से बच गई। वहीं मौके पर पहुंचे तहसीलदार पंकज चंदोला , उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, सीओ दीपक सिंह, कोतवाल अमर चंद्र शर्मा ने पुलिस बल एवं सी पी यू पुलिस के साथ मौके पर निरीक्षण किया गया, साथ ही फ्रलाई ओवर पर एक बार फिर हैवी वाहन पर रोक लगा दी गई है ओर सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पुलिस प्रशासन देखभाल में लगा दिया गया। आज दिन निकलते ही सोशल मीडिया व क्षेत्र में इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कि 7 साल में बन कर तैयार हुआ रेल ओवर ब्रिज महज 1 साल के भीतर धंसने और झड़ने लगा। यहां यह भी बता दें कि जब से रेल ओवर ब्रिज बनना शुरु हुआ तभी से इसमें कुछ न कुछ होता रहता है। बनते समय इसके बेढंगे डिजाईन की चर्चा होती रही तो बनने के बाद से इसके कमजोर होने की चर्चायें भी चलती रहीं। जबकि एनएच ने लोड टेस्ट करने के बाद ही इस रेल ओवर ब्रिज को जनता के लिए खोला था। वहीं रामनगर रोड से इसका ढलान इतना तीखा है कि बड़े वाहनों के पीछे इस पर चढ़ने वाले वाहनों को डर बना रहता है कि कहीं बड़ा वाहन बैक न मार दें और वे उसकी चपेट में न आ जायें।फिलहाल मौके पर पहुंचे तहसीलदार पंकज चंदोला एवं कोतवाल अमर चंद शर्मा ने रेल ओवर ब्रिज के क्षतिग्रस्त ऊपर और नीचे के हिस्से बैरिकेटिंग करके बंद कर दिया है। रेल ओवर ब्रिज को बड़े वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। लेकिन यह ओवर ब्रिज बंद कर दिया गया तो क्षेत्र की जनता को 7 साल के लंबे इंतजार के बाद जो जाम से राहत मिली है वह खत्म हो जायेगी और आगामी गर्मियां जनता के लिए बुरी बीतेंगी। क्योंकि एक तरफ चीमा चौराहे को बंद कर रखा है। उस पर आये दिने रेलवे का कार्य होने के कारण क्रासिंग को बंद कर दिया जाता है। रामनगर रोड पर बनने वाला रेल ओवर ब्रिज तो पता ही नहीं है कि वह कब तक तैयार होगा। उधर, तहसीलदार पंकज चंदोला ने बताया कि मामले की जानकारी एनएच व अन्य उच्चाधिकारियोें को दे दी गई है। एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जा रहा है जो रेल ओवर ब्रिज की जांच करेगी।

Profile Picture

संपादक : एफ यू खान

संपर्क: +91 9837215263

संबंधित ख़बरें

Leave a Comment