जय भोले के उद्घोष से कांवरियों का गंगा जल लेकर आना शुरू जगह-जगह भंडारे का आयोजन

काशीपुर। हरिद्वार से कांवड़ियों का गंगा जल लेकर आना शुरू हो गया है। इस दौरान जगह-जगह लोगों के द्वारा कांवड़ियों का स्वागत कर भंडारे की व्यवस्था की गई। हरिद्वार से कांवड़ियों का आना शुरू हो गया है। अभी पीलीभीत, बरेली समेत अन्य दूर दराज के कांवड़ियों का जत्था स्थानीय रास्ते से गुजर रहा रहा है। जहां गंगे बाबा मंदिर समेत अन्य स्थानों पर कांवड़ियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। इस बार कांवड़ियों के लिए अलग से रूट भी बनाया गया। ताकि कांवड़ियों को दिक्कत का सामना न करना पड़े। बतादें कि महाशिवरात्रि पर भगवान भोले का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों के जत्थे अपने-अपने गंतव्य की ओर बढ़ने लगे हैं। हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेकर आ रहे कांवड़िये आगामी 26 फरवरी को जलाभिषेक करेंगे। नगर क्षेत्र में हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेकर भत्तिमय भजनों की धुन पर थिरकते हुए कांवड़ियों के जत्थे वापस अपने गंतव्य की ओर बढ़ने लगे हैं। कांवड़ियों के पैरों में घुंघरुओं की छन-छन से पूरा शहर भत्तिमय होने लगा है। मोहल्ला कटरामालियान से जय महाकाल कांवड़ संघ इस बार 12वीं कांवड़ लगभग 5 लाख रुपये में तैयार 32 और 16 फीट ऊंची ढाई क्विंटल कांवड़ में गंगाजल लेकर आ रहा है। कांवड़ संघ के सदस्य सन्नी कश्यप ने बताया कि 11 वर्ष पहले छह युवक कांवड़ लेने गए थे। लगभग ढाई क्विंटल वजनी कांवड़ को लेकर चलने में एक बार में 12 कांवड़ियें लगते हैं जो रास्ते में बारी-बारी से बदलते जाते हैं। सन्नी ने बताया कि इस वर्ष की कांवड़ को अलग रूप दिया गया है और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। इसमें एक साथ पांच मंदिर बनाए गए हैं। संघ से जुड़े युवकों ने कांवड़ को लगभग दो महीने में तैयार किया है। कांवड़ संघ के सदस्य सन्नी ने बताया कि वे लोग मंगलवार तक काशीपुर स्थित प्राचीन मोटेश्वर महादेव मंदिर पहुंच जाएंगे। बुधवार को महाशिवरात्रि पर्व पर गंगाजल से जत्था अभिषेक करेगा।

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संपादक : एफ यू खान

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