नैनीताल, 17 अप्रैल 2025 — उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आईआईएम काशीपुर में कार्यवाहक अध्यक्ष संदीप सिंह के 5 साल 8 महीने के अवैध कार्यकाल, 8.7 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले और संस्थान में पारदर्शिता की भारी कमी पर सख्त टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार को 4 माह में कार्रवाई का आदेश दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुखविंदर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि श्री सिंह को सिर्फ 3 महीने के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन नियमों को दरकिनार कर बार-बार विस्तार लिया गया, नकली बोर्ड मीटिंग्स करवाई गईं, जिनके रिकॉर्ड जानबूझकर दबाए गए और अयोग्य प्रोफेसरों को पदोन्नति दी गई। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन कार्रवाइयों से संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन हुआ है। हाईकोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि आईआईएम संशोधन अधिनियम 2023 के तहत राष्ट्रपति द्वारा नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए 30 दिन में खोज समिति गठित की जाए और दबाए गए सभी रिकॉर्ड्स को सार्वजनिक किया जाए। फैसले के बाद फैकल्टी और नागरिक समाज ने संदीप सिंह के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही और सीबीआई जांच की मांग की है।









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