नेत्रदान से अमर हुए काशीपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता केएन पंत, मरणोपरांत भी बनी मानवता की मिसाल

काशीपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता केएन पंत की आंखें दो नेत्रहीनों को देंगी नई रोशनी, पुत्रों ने किया नेत्रदान का पुण्य कार्य

काशीपुर : ‘मरणोपरांत नेत्रदान — अमरता की ओर एक कदम’ — इस पवित्र विचार को साकार किया काशीपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता केएन पंत के परिजनों ने। 10 अप्रैल को उनके निधन के उपरांत, उनके सुपुत्र डॉ. प्रदीप पंत एवं डॉ. प्रभात पंत ने नेत्रदान की सहमति देकर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनका यह निर्णय न केवल मानवता की सेवा है, बल्कि यह उनके पिता की समाजसेवी छवि के अनुरूप भी है। वसुधैव कुटुम्बकम् संस्था की देखरेख में, मुरादाबाद आई बैंक की टीम ने आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर कॉर्निया संग्रहित किए। इन नेत्रों से दो नेत्रहीन व्यक्तियों की आंखों को रोशनी मिलेगी। संस्था के सचिव प्रियांशु बंसल ने जानकारी दी कि संस्था द्वारा अब तक 14 नेत्रदान सम्पन्न कराए जा चुके हैं, जिससे करीब 28 लोगों को जीवन में प्रकाश मिला है कोषाध्यक्ष सौरभ अग्रवाल ने बताया कि भारत में लगभग 1.2 मिलियन लोग कॉर्नियल अंधेपन से पीड़ित हैं और हर साल 20-25 हजार नए केस सामने आते हैं। नेत्रदान से ऐसे लोगों की ज़िन्दगी में उजाला भरा जा सकता है।नेत्रदान में सहयोग के लिए संपर्क करें:98370 80678 | 95487 99947संस्था के सदस्यों ने पंत परिवार के इस महान निर्णय पर आभार जताया और सभी क्षेत्रवासियों से मरणोपरांत नेत्रदान के लिए प्रेरित होने की अपील की। इस पुनीत कार्य में समाजसेवी बालकृष्ण एवं वरिष्ठ अध्यापक पंकज पंत का विशेष योगदान रहा।

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संपादक : एफ यू खान

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