काशीपुर बार एसोसिएशन के समस्त अधिवक्ताओं ने एक राय में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 मे संशोधन के नाम पर अधिवक्ताओं के हितो को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है और सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के जो संवैधानिक अधिकार जो भारतीय संविधान में उनको मिले हैं उनको भी खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उत्त संशोधन के विरोध में काशीपुर बार एसोसिएशन, के द्वारा एक आम सभा का आयोजन किया गया जिसमें समस्त अधिवक्ता गणों से उत्त बिल मे होने वाले संशोधन के लिए आम राय मांगी गई जिसको उचित माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जाएगा उत्त बिल अधिवक्ताओं के साथ-साथ जनता विरोधी है। वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाए जाने वाले अधिवक्ता संशोधन अधिनियम बिल 2025 जी का अधिवक्ता समाज गहरा विरोध प्रकट करता है और संशोधन बिल वापस लेने की मांग करता है यह बिल स्वतंत्र वकालत पर गंभीर प्रभाव डालने वाला बिल है साथ ही यूसीसी में रजिस्ट्री बैनामा को पेपर लैस करना भी अधिवक्ता के अधिकारों पर कुठाराघात है।
उत्त आम सभा मे काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार चौबे, उपाध्यक्ष अनूप शर्मा ,सचिव नृपेंद्र कुमार चौधरी, उपसचिव सूरज कुमार, कोषाध्यक्ष सौरभ शर्मा , ऑडिटर हिमांशु बिश्नोई, पुस्तकालय अध्यक्ष सतपाल सिंह बल, प्रेस प्रवक्ता दुष्यंत चौहान, महिला उपाध्यक्ष रश्मि पाल, तहसील उपाध्यक्ष विजय सिंह , कार्यकारी सदस्यगण कामिनी श्रीवास्तव, नरेश कुमार पाल, अर्पित कुमार सौदा, अमित कुमार गुप्ता, अमृत पाल सिंह, अमितेश सिसोदिया, अविनाश कुमार, नरदेव सिंह सैनी, बार कौंसिल ऑफ उत्तराखड के सदस्य हरि सिंह नेगी, मनोज जोशी, सनत कुमार पैगिया, उमेश जोशी, आनन्द रस्तोगी, शैलेंद्र मिश्रा, इन्दर सिंह, वीरेंद्र चौहान, धर्मेंद्र सिंह , महावीर सिंह, सुभाष पाल, शहाना शबाना परवीन, सुरेन्द्र पाल सिंह, वकील सिद्दीकी, नरगिस आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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